
दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला विश्वविद्यालय! जाने इसके बारे में: आज हम आपको दुनिया के सबसे पहले और सबसे बड़े विश्वविद्यालय तक्षशिला विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से बताएंगे।
तक्षशिला विश्वविद्यालय:
तक्षशिला विश्वविद्यालय को विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय होने का गौरव हासिल हैं। भारत के सबसे बड़े तक्षशिला विश्वविद्यालय की स्थापना सातवीं ईसा पूर्व सदी में हुई थी। प्राचीन भारत के गंधार गणपति की राजधानी तक्षशिला थी। तक्षशिला विश्वविद्यालय वर्तमान में पश्चिम पाकिस्तान की राजधानी रावलपिंडी से 18 मिल उत्तर की ओर स्थित हैं।
तक्षशिला की स्थापना का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी मिलता हैं। रामायण के अनुसार जिस नगर में यह विश्वविद्यालय था उसके बारे ने कहा जाता है की यह श्रीराम के भाई भरत के पुत्र तक्ष ने उस नगर की स्थापना की थी। तक्षशिला विश्वविद्यालय विश्व का सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय था। जिसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व में को गई थी।
इस विश्वविद्यालय में लगभग 10,500 से अधिक छात्र अध्यन करते थे। इस विश्वविद्यालय में 60 से अधिक विषयों के बारे में पढ़ाया जाता था। 2,000 शिक्षको के द्वारा शिक्षा प्रधान की जाती थी। जहा पे चाणक्य, चंद्रगुप्त, जीवन, कौशल, राज, आदि महापुरुष अध्यन करते थे।
इस विश्वविद्यालय में अनेक प्रकार के विधाओं के विद्वान आचार्यों ने अपने – अपने आश्रम बना रखे थे। जहा छात्र अपनी अपनी रुचि के अनुसार आचार्यों से शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते थे। वहा वेद, वेदांत, अष्टादस, विज्ञान, दर्शन, व्याकरण, राजनीति, अर्थशास्त्र, ज्योतिष, युद्ध विद्या, गणित, चिकित्सा, आयुर्वेद, संचालन, मंत्र विद्या, ललित कला, तंत्रशास्त्र, संगीत, नृत्य, मनोविज्ञान, कृषि, भू विज्ञान आदि शिक्षाओं का ज्ञान दिया जाता था।
अनेक सौदों से यह अनुमान लगाया गया हैं। की यहां 12 वर्ष अध्यन के बाद भिक्षा मिलती थीं । कहा जाता हैं की यही पे दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथाल्य भी था। तक्षशिला विश्वविद्यालय आयुर्वेद का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय था।
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